ABOUT SIDH KUNJIKA

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श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

Kunjika Strotam incorporates immense electricity, and it can completely alter the life of just one who chants it with complete devotion.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंडबिहारहरियाणाराजस्थानमहाराष्ट्रगुजरातमध्य प्रदेशझारखंडछत्तीसगढ़दिल्ली एनसीआरपंजाब

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति पंचमोऽध्यायः

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी ।

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे। ॐ ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा।।

On chanting in general, Swamiji says, “The more info more we recite, the more we listen, and the more we attune ourselves to your vibration of what's being said, then the more We're going to inculcate that Angle. Our intention amplifies the attitude.”

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ परम कल्याणकारी है। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आपके जीवन की समस्याओं और विघ्नों को दूर करने के लिए एक शक्तिशाली उपाय है। मां दुर्गा के इस स्तोत्र का जो मनुष्य विषम परिस्थितियों में वाचन करता है, उसके समस्त कष्टों का अंत होता है। प्रस्तुत है श्रीरुद्रयामल के गौरीतंत्र में वर्णित सिद्ध कुंजिका स्तोत्र। सिद्ध कुंजिका स्तोत्र के लाभ

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